राजस्थान के बाड़मेर जिले में हाल ही में एक नाबालिग के साथ हुई रेप की घटना ने सबको झकझोर दिया है। आप को बता दें कि बाड़मेर जिले के शिव थाना क्षेत्र में एक नाबालिग का अपहरण कर रेप कर दिया गया। पुलिस ने इस मामलें में पास्को और आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया लेकिन राजस्थान में होने वाले रेप के आंकड़ों को लेकर हाल ही में जारी हुई NCRB की रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया।
राजस्थान के बारे में क्या कहता है एनसीआरबी का डाटा ?
हाल ही में जारी हुई NCRB की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में पिछले 10 साल में केवल रिपोर्ट हुए ( यह सत्य है कि अनगिनत मामलें कई कारणों से दर्ज नहीं हो पाते) . हुई है। ये देश के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में सबसे खराब स्थिति है. NCRB डेटा के मुताबिक 2009 में राजस्थान में 1,519 रेप केस दर्ज हुए लेकिन 2019 में ये आंकड़ा बढ़कर 5,997 केस तक पहुंच गया। NCRB के आंकड़ों से पता चलता है कि 2012 के निर्भया केस के बाद राजस्थान में 83 प्रतिशत अधिक रेप केस दर्ज किये गए। इस रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में प्रति एक लाख महिला आबादी पर 15.9 प्रतिशत की दर से महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ है।
2018 की पुलिस रिपोर्ट में भी हालात खराब
2018 में राजस्थान पुलिस की ओर से जारी हुई एक रिपोर्ट के अनुसार राज्यभर में 2018 में हर रोज 6 बच्चियों का रेप हुआ जबकि 2017 में यह आंकड़ा हर रोज 4 बच्चियों का था। इसी रिपोर्ट के अनुसार 2018 में प्रदेशभर में 2213 बालिकाएं बलात्कार की शिकार हुई। बलात्कार के मामलों में 80 फीसदी बच्चियां स्कूल में पढ़ने वाली हैं। प्रदेश में 2018 में कुल 4335 बलात्कार के प्रकरण सामने आए। इन मामलों में 2157 बलात्कार की घटनाओं को सही मानते हुए आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया, जबकि 1636 को झूठा मानते हुए एफआर लगाई गई।
अलवर – जयपुर सबसे असुरक्षित, जालौर सबसे बेहतर
2018 के आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेशभर में 6 जिलें ऐसे रहें, जहां 100 से अधिक रेप हुए। इनमें अलवर – जयपुर में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं । अलवर में 196 बालिकाओं से दुष्कर्म की घटनाए सामने आई तो जयपुर में 184 बच्चियों को शिकार बनाया गया। वहीं जोधपुर में 131 , भरतपुर में 116 , उदयपुर में 104 और बारां में 101 मामले सामने आए। जबकि जालौर में 12 , दौसा में 14 , बांसवाड़ा में 15 , जैसलमेर में 16 और झुंझुनूं में 19 प्रकरण सामने आए।